मेरठ जिला कैंची के लिए दुनिया भर में मशहूर है, और यहां की कैंचियां मेरठ के लघुस्तरीय औद्योगिक इकाइयों द्वारा पुनर्नवीनीकरण धातु से बनी है। इसके लिये कार्बन स्टील ब्लेड, पुराने बर्तनों, पुराने रेलवे रोलिंग स्टॉक, ऑटोमोबाइल के धातु के खंडों का उपयोग किया जाता है, (Hindi News) तथा इसके हैंडल को मिश्र धातु या प्लास्टिक से बनाया जाता है। इस तरह की पहली कैंची असली अखुन द्वारा वर्ष 1653 के आसपास बनाई गई थी।
अन्य कैंचियों की तुलना में, मेरठ की कैंची की कई बार मरम्मत कर सकते है, और उसे दुबारा उपयोग में ला सकते है। (Latest And Breaking News in Hindi) यहां की कैंचियों के संदर्भ में एक मुहावरा अत्यंत प्रसिद्ध है “दादा ले, पोता बरते” जोकि इसकी गुणवत्ता और सदियों तक इसके पुर्नप्रयोग करने की क्षमता को संदर्भित करता है।
यहां के लोग तीन शताब्दियों से अधिक समय से कैंची का निर्माण कर रहे है। (News in Hindi) जनवरी 2013 से, इस उत्पाद को अपने भौगोलिक संकेत के लिए योग्य माना गया और इस उत्पाद ने भारत में ऐसी विशेष रूप से टैग की गई वस्तुओं की सूची में 164 वां स्थान प्राप्त किया था। (News) यह उद्योग मेरठ तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में अच्छी तरह से स्थापित है, जिसमें छोटे पैमाने पर लगभग 250 कैंची बनाने वाली इकाइयाँ शामिल हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 70,000 लोगों को रोजगार देता हैं।
यह भी पढ़े - Gmail Tips Trick Hindi : आपका जीमेल कहां-कहां और कितने डिवाइस में है, इन आसान तरीकों से करे पता - Bune Knowledge
लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि मेरठ में सदियों से बनने वाली इस कैंची का आविष्कार किसने किया? यह भारतीय उत्पाद था या विदेशी? तो चलिये जानते है इस कैंची का सफर कहां से और किसके द्वारा शुरू किया गया, हालांकि कैंची की सटीक उत्पत्ति (Breking News) और आविष्कार करने वाले वास्तविक व्यक्ति ज्ञात नहीं है परंतु अक्सर कैंची के आविष्कार का श्रेय लिओनार्दो दा विंची (1452-1519) को दिया जाता है, लेकिन कैंची का अस्तित्व लिओनार्दो दा विंची के समय से बहुत पहले से था।
माना जाता है कि लगभग 1500 ईसा पूर्व प्राचीन मिस्र में कैंची का आविष्कार किया गया था। यह एक कांस्य की ‘स्प्रिंग कैंची’ थी जिनमें लचीली पट्टी द्वारा हैंडल पर जुड़े दो कांस्य ब्लेड शामिल थे। इससे किसी चीज को काटने के लिये हैंडल की लचीली पट्टी को एक साथ दबाया जाता था और ब्लेड से वह चीज कट जाती थी। स्प्रिंग कैंची आज भी मांग में हैं, इसके सटीक काटने की वजह से इसे कई लोगों द्वारा चुना जाता है।
इनके अलावा रोम में 100 ईस्वी के आसपास धुराग्र कैंची या क्रॉस-ब्लेड(Cross-Blade) कैंची का आविष्कार किया गया था (Today News in Hindi) जोकि कांसे या लोहे से बनी हुई थी और इसमें नुकीले सिरों और हैंडल को बीच में एक बिंदु पर जोड़ा गया था। इस प्रकार की कैंची का बड़े पैमाने पर उत्पादन 1761 में शुरू हुआ, जब शेफ़ील्ड (यूरोप) के रॉबर्ट हिन्क्लिफ ने इंग्लैंड में पहली बार इसे बनाने के लिये कच्चे इस्पात का इस्तेमाल किया।
यह प्रत्यक्ष रूप से आधुनिक कैंची के समान थी। पुरातत्व अभिलेखों से पता चलता है कि इसी समय के आसपास आधुनिक डिजाइन की इस कैंची ने चीन और सुदूर पूर्व के अन्य देशों में भी प्रवेश किया था।
यह भी पढ़े - Jio Vs Airtel : रोज 1.5GB डाटा वाला किसका प्लान है बेस्ट, जाने दोनों में से कौन बेहतर - News in Hindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest ...
Ans-
Q.2 सबसे पहले कैंची किसने बनाई और क्यों ?
Ans-
Q.3 कैंची की खोज किसने की थी ?
Ans-
Q.4 कौन था कैंची का आविष्कारक? भारतीय या विदेशी ?
Ans-
Q.5 कैंची - विकिपीडिया ?
Ans-
Q.6 कैंची (आविष्कार का इतिहास)। कैंची का आविष्कार किसने किया ?
Ans-
अगर आप इन प्रशन के उत्तर जानते हो तो Comment मैं tap करे
0 टिप्पणियाँ
If u have any doubt, pls let me know